Wednesday 15 June 2011

ख्वाब

जो ख्वाब हकीकत में देखा था कभी,
वो हकीकत भी एक ख्वाब बन के रह गया.....
वो हमारे हैं,वो हमारे हैं,वो हमारे हैं...
कह डाला सारे ज़माने से हमने,
कल उनकी शादी है,कोई हमसे आके कह गया????

वक़्त


ना हम , ना तुम ,और ना  ही ये किसी का कसूर है,
ये वक़्त ही  तो है, जिसके हाथों हर कोई मजबूर है ??

है मोहब्बत का इजहार  तो, आगाज़  वक़्त है,
है मोहब्बत जनाज़ा , तो आवाज़ वक़्त है,
लोगों के नाम तो बस यू ही,ले लिए जाते हैं....
गर गौर से देखा जाए ,हर शै का अंजाम वक़्त है!!

कोई मिला,कोई बिछड़ा ,कोई फना हो गया,
कोई हंसा,कोई रोया, कोई किसी जहां में खो गया,
कोई किसी के लिए,कोई किसी के चलते,
ना चाहकर भी,किसी का हो गया........

किसी का नहीं कोई,ना कोई किसी का होता है,
वक़्त है सब की वजह,वक़्त से ही सब  होता है,
ना हम , ना तुम ,और ना ही ये किसी का कसूर है,
ये वक़्त ही तो है, जिसके हाथों हर कोई मजबूर है ??

16th जून  2011