उठती,थमती,चीखती,बलखाती,
थकतीं,पुनः जोश भरती,लहरों से
रोक के पुछा सागर ने .......
कहाँ -...कहाँ जा रही हो???
एक दूजे को देखती,
आँखे चुराती,जल्दबाजी में
कहा लहरों ने सागर से..
मिलने-...मिलने किनोरों से!!!!
सागर चौंका,सोचा-हंसा,
आश्चर्य,शंकित,थोडा संभलकर,
फिर से पुछा......
निरंतर मिलती रहती हो??
आँहे भरकर,रो कर,बेचैनी से,
कहा कुछ लहरों ने,
हमारे इतने भाग कहाँ,
हाँ, कुछ लहरों ने मुस्करा दिया... !!
11/4/2011
11/4/2011
किनारे से पूछो कभी
ReplyDeleteकी लहर जो आकर चली गयी
मुझको भिगोकर चली गयी
कितनी देर समेट पाएंगे उसकी गीली याद को
दूसरी लहर आकर उस याद को धोकर चली गयी !