Monday 16 May 2011

आज मेरी रौशनी से मुलाक़ात हुई...

आज मेरी रौशनी से मुलाक़ात हुई...
पुछा,कहाँ हो? आजकल दिखाई नहीं देती!!
रौशनी ने मुस्करा कर तिरछी नज़र से देखा,
जैसे उसे मुझ पर हंसी आ रही हो ??

तरस खा कर मुझसे कहा रौशनी ने,
बड़ी देर लगा दी,कहाँ खो गए थे??
मैंने कहा,पता नहीं,दूर दूर तक ढूढ़ा,
पर तुम्हें कही पाया नहीं?

रौशनी हंसी,कहा..पलटकर पीछे देखते..
मैं तुम्हारे पीछे ही तो थी!!
आज मैं पछताया..........
पीछे मुड़कर न देखने वाली आदत को लेकर......

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